Tuesday, April 14, 2009

SOULITUDE (column, HT City) - Life Out Of Gere



When poor Richard Gere expressed himself...

1 comment:

  1. Interesting, Very Interesting, in deed, and meaningful, too!

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अमलतास का गीत

वो अमलतास देखते हो? वो ना  झूम कर  बांहे फैलाये  हवाओं की हथेलियों पर  सूरज की छननी से ढ़ांप कर  एक गीत  भेजता है हर सुबह  मेरी ओर.  पर  वो ग...