Tuesday, April 14, 2009

Meeting Sir - Mr Bachchan



When Amitabh Bachchan decided to smile and gift us a bit of pondering.

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अमलतास का गीत

वो अमलतास देखते हो? वो ना  झूम कर  बांहे फैलाये  हवाओं की हथेलियों पर  सूरज की छननी से ढ़ांप कर  एक गीत  भेजता है हर सुबह  मेरी ओर.  पर  वो ग...