Friday, September 11, 2009

जाने क्या सोच कर नहीं गुज़रा, एक पल रात भर नहीं गुज़रा...

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अमलतास का गीत

वो अमलतास देखते हो? वो ना  झूम कर  बांहे फैलाये  हवाओं की हथेलियों पर  सूरज की छननी से ढ़ांप कर  एक गीत  भेजता है हर सुबह  मेरी ओर.  पर  वो ग...