Friday, September 4, 2009

फिर किसी शाख ने फेंकी छांव, फिर किसी शाख ने हाथ हिलाया.... फिर किसी मोड़ से उलझे पाँव, फिर किसी राह ने पास बुलाया

http://www.youtube.com/watch?v=gF2wadF4Z8A&feature=related

No comments:

Post a Comment

अमलतास का गीत

वो अमलतास देखते हो? वो ना  झूम कर  बांहे फैलाये  हवाओं की हथेलियों पर  सूरज की छननी से ढ़ांप कर  एक गीत  भेजता है हर सुबह  मेरी ओर.  पर  वो ग...