Friday, June 19, 2009

रात चुप चाप - गुलज़ार



Painting Courtesy: willowmanor.blogspot.com

No comments:

Post a Comment

अमलतास का गीत

वो अमलतास देखते हो? वो ना  झूम कर  बांहे फैलाये  हवाओं की हथेलियों पर  सूरज की छननी से ढ़ांप कर  एक गीत  भेजता है हर सुबह  मेरी ओर.  पर  वो ग...